बिलासपुर। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद अब घोटाला भी सामने आने लगा है। नगचुई खरीदी केंद्र में 72 लाख रुपये का घोटाला फूटने के बाद अब कोटा ब्लाक के चपोरा खरीदी केंद्र में भी गडबड़ी सामने आई है। यहां 65 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। अचरज की बात ये कि खरीदी केंद्र के चौकीदार की पत्नी सरिता यादव के बैंक खाते में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने 22 लाख स्र्पये की रकम जमा करा दी। अचरज की बात ये कि इतनी बड़ी रकम एक ही खाते में जमा कराते वक्त अधिकारियों ने संबंधित खरीदी केंद्र के प्रभारी से भी पूछताछ नहीं की।
आदिवासी सेवा सहकारी समिति चपोरा में 2100 क्विंटल धान गड़बड़ी की पुष्टि प्रथम दृष्टया हुई है। जांच पड़ताल के दौरान मामले का खुलासा भी हो रहा है। चपोरा सेवा सहकारी समिति के चौकीदार की पत्नी ने धान बेचने के लिए इसी समिति में पंजीयन कराई थी। 65 लाख रुपये के घोटाले में अब चौकीदार व उसकी पत्नी की मिलीभगत भी सामने आ रही है। पत्नी के बैंक खाते में बैंक के अधिकारियों ने 22 लाख रुपये जमा भी करा दिया। अचरज की बात ये कि एक खाते में इतनी बड़ी रकम जमा करते वक्त इस बात की पड़ताल भी नहीं की गई कि एक किसान ने आखिर इतना धान बेचा कैसे। समिति में पंजीयन से लेकर पटवारी प्रतिवेदन की जांच करना भी जस्र्री नहीं समझा।
एक और बड़ी गड़बड़ी ये कि 22 लाख रुपये खाते में जमा भी हुआ और सरिता के खाते से राशि का आहरण भी कर लिया है। राशि निकालते वक्त भी बैंक के अधिकारियोें ने पतासाजी की भी कोशिश नहीं की। एक आला अधिकारी की मानें तो जांच पड़ताल के दौरान और भी गड़बड़ी सामने आने की बात कही जा रही है। चौकीदार की पत्नी के नाम इतनी बड़ी रकम कैसे जमा कराई गई। कितने किसानों के धान का पैसा सरिता के बैंक खाते में जमा हुआ। इस बात की भी पड़ताल की जा रही है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने इतनी बड़ी रकम एक ही बैंक खाते में जमा कराने और आहरण
More Stories
लगातार दाे हत्याकांड के बाद ‘एक्शन’ में रायपुर पुलिस
छत्तीसगढ़ में विभिन्न विभागों में पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू
जिले के मार्कफेड विभाग में सहायक प्रोग्रामर (जॉबदार) अभ्यर्थियों से दावा आपत्ति आमन्त्रित 7 अक्टूबर तक