October 7, 2024

भीषण गर्मी में भी कैसे ठंडा रखा जाएगा स्टेडियम

नई दिल्ली, फुटबॉल प्रेमियों के लिए साल 2022 खास होने वाला है और इसका कारण है कि कतर में फुटबॉल का वर्ल्ड कप खेला जाएगा। लेकिन वहां एक ट्विस्ट है और ट्विस्ट यह है कि कतर में इतनी गर्मी पड़ेगी कि इसके लिए आयोजकों को एक नया कीर्तिमान रचना पड़ा। इसके लिए पूरे स्टेडियम में ऐसा कूलिंग सिस्टम बनाया जा रहा है कि भीषण गर्मी में भी ठंड हवा की व्यवस्था की जा रही है। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में अतिरिक्त ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन नहीं होगा।
कतर का तापमान 40 डिग्री के पार
दरअसल, जब वर्ल्ड कप फुटबॉल 2022 की मेजबानी के लिए कतर के नाम का ऐलान हुआ था तो लोग शंका में थे कि गर्मी की वजह से क्या ऐसा हो पाएगा। इस समय कतर का तापमान 40 डिग्री से ज्यादा चला जाता है। बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में विस्तृत तरीके से बताया है कि कैसे यह प्रक्रिया संचालित की जाएगी।

पूरा कूलिंग सिस्टम सौर ऊर्जा से संचालित होगा
असल में अल जैनब स्टेडियम की छत इस तरह डिजाइन की गई है कि हवा घूमती हुई छत के बाहर से निकल जाती है। इसका हल्का रंग सूर्य से आने वाली गर्मी को वापस करता है। रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा सिस्टम सौर ऊर्जा से संचालित होगा इसलिए कार्बन उत्सर्जन नहीं होगा। मैच के दिन स्टैंड में करीब चालीस हजार दर्शक मौजूद होंगे।
कार्बन उत्सर्जन की वजह से ऊर्जा का इस्तेमाल
वहीं दूसरी तरफ आयोजकों का यह भी कहना है कि वर्ल्ड कप के दौरान होने वाले कार्बन उत्सर्जन की भरपाई के लिए ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल, अपशिष्ट प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा के साथ साथ वृक्षारोपण जैसी अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कतर के स्टेडियम में फुटबॉल मैच देखने आने वाले दर्शकों को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

कैसे काम करेगा अनोखा कूलिंग सिस्टम
कूलिंग सिस्टम को कतर के आठ स्टेडियम में फिट किया गया है। इन्हें पूरी तरह से एयर कंडीशंड बनाया गया है जिससे दर्शकों को मैच देखने में किसी तरह की परेशानी ना हो। इसमें सरकार की तरफ से भी लाखों डॉलर्स खर्च किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कतर की फुटबॉल खिलाड़ी अजा सालेह का कहना है कि गर्मी और उमस, इस क्षेत्र में खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं।
ठंडी हवाएं प्रवाहित करने वाले सुराख
वहीं इस सिस्टम को विकसित करने वाले एयर कंडीशनिंग एक्सपर्ट सऊद अब्दुल गनी ने कहा कि ठंडी हवाएं प्रवाहित करने वाले सुराख इस तरह से बनाए गए हैं कि यह खिलाड़ियों को तेजी से महसूस नहीं होंगी। स्टेडियम के अंदर ठंडी हवाओं का एक बुलबुला बन जाएगा, जो मैदान या स्टेडियम से दो मीटर से ज्यादा ऊंचा नहीं होगा। इसके बाद फिर से यही प्रक्रिया दोहरायी जाएगी और स्टेडियम में फिर से ठंडा बुलबुला बन जाएगा।

कूलिंग सिस्टम सौर ऊर्जा संयंत्र से संचालित
इसके साथ ही गर्म हवा को स्टेडियम के प्रत्येक कोने में मौजूद ठंडे पानी से भरी पाइप वाले हीट एक्सचेंजर की मदद से ठंडा रखा जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि यह पूरा कूलिंग सिस्टम कतर की राजधानी दोहा से लगभग 80 किलोमीटर दूर हाल ही में निर्मित सौर ऊर्जा संयंत्र से संचालित है। वहीं स्टेडियम के अलावा वर्ल्ड कप के दौरान परिवहन भी बढ़ेगा। दुनिया भर से लोग हवाई यात्रा के जरिए कतर पहुंचेंगे. उनके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक इन स्टेडियम के निर्माण के लिए कतर में करीब तीस हजार प्रवासी मजदूरों ने काम किया, इनमें बड़ी संख्या में मजदूरों की मौत हुई है या फिर वे गंभीर रूप चोटिल हुए हैं। इसको लेकर कतर की आलोचना भी जारी है। इस दौरान बलपूर्वक मजदूरी और पासपोर्ट जब्त करने जैसे भी तमाम आरोप सामने आए हैं।

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