October 6, 2024

जानें कहां दिखाई देगा 20 अप्रैल का सूर्यग्रहण, जरूर करें ये धार्मिक उपाय

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को लगने वाला है। सनातन धर्म में सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण की अवधि में पूजा, मांगलिक कार्य, भोजन बनाना या खाना, गर्भवती महिलाओं के बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी होती है। ज्योतिष के मुताबिक भी सूर्य के ऊपर राहु का प्रभाव बढ़ जाने से सूर्य ग्रस्त हो जाता है और इस कारण से सभी राशियों के जातकों पर इसका दुष्प्रभाव दिखाई देता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने वाला है।

भारत में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और न ही भारत में रहने वाले लोगों पर इसका कोई असर होगा। वैशाख अमावस्या पर इस बार एक ही दिन में 3 प्रकार के सूर्य ग्रहण दिखेंगे। वैज्ञानिकों ने इस सूर्य ग्रहण को हाइब्रिड सूर्य ग्रहण नाम दिया है। ज्योतिष के अनुसार जिस देश में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होता, वहां सूतक काल भी मान्य नहीं होता है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल (अशुभ अवधि) लग जाती है वहीं जब चंद्र ग्रहण लगता है तो सूतक काल की अवधि 9 घंटे की होती है।

ये है सूर्य ग्रहण लगने का समय

हिंदू पंचांग के मुताबिक 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण सुबह 7.04 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12.29 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। इस हिसाब से देखा जाए तो सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी।

सूर्य ग्रहण के दौरान करें आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ

भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा, इसलिए सूर्य ग्रहण को कोई असर भारत में नहीं होगा। हालांकि सावधानी के तौर पर सूर्य ग्रहण के प्रभावों से बचने के लिए कुछ धार्मिक उपाय किए जा सकते हैं। सूर्य ग्रहण की अवधि में आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करना चाहिए। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह कुपित हो उन्हें सूर्य अष्टकम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्यदेव की स्थिति मजबूत होती है और व्यक्ति के आत्मविश्वास, मान-सम्मान, बल में वृद्धि होती है।

Share